वायरल फीवर क्या है (What is Viral Fever in Hindi), Viral Fever Cause, Symptoms and Home Remedies– आमतौर पर गर्मियों, बरसात या फिर सार्दियो के मौसम में बदलाव के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव आता हैं, जिस कारण वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता हैं। जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसी वजह से हमारा शरीर वायरस से संक्रमित होकर हमें बुखार (fever) जैसी कई अन्य समस्याएं उत्पन्न कर देता हैं।
आमतौर पर वायरल बुखार के लक्षण (symptoms of viral fever) भी अलग – अलग होते है, वायरल फीवर में आमतौर पर सर्दी जुखाम , गले में दर्द (खरास) बदन में दर्द , नाक बहना, सिर में दर्द आदि वायरल फीवर के लक्षण (Viral Fever ke Lakshan) ) हो सकते हैं।लेकिन अगर हम अपने खानपान और कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखे तो वायरल बुखार ( viral fever) को मात दे सकते हैं, और इस गंभीर बीमारी से बच सकते है। आईये जानते हैं वायरल फीवर के लक्षण (Viral Fever ke Lakshan) क्या हैं, और इससे कैसे बचें ।
वायरल बुखार होने के कारण (Causes of Viral Fever in Hindi)
आम तौर पर वायरल फीवर मौसम में बदलाव के कारण, तापमान में उतार-चढ़ाव आता हैं. जिस कारण वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता हैं। वायरल फीवर प्रतिरक्षा तंत्र के कमजोर होने पर होता है। लेकिन इसके सिवा और भी कारण होते है जिनके कारण बुखार आता है।
- दूषित जल एवं भोजन का सेवन
- प्रदूषण के कारण दूषित वायु में मौजूद सूक्ष्म कणों का शरीर के भीतर जाना
- रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
- वायरल बुखार हुए रोगी के साथ रहना
वायरल फीवर होने के लक्षण (Symptoms of Viral Fever in Hindi)
वायरल फीवर के लक्षण (Symptoms of Viral Fever in Hindi) सामान्य रूप से होने वाले बुखार की तरह ही लेकिन इसको नजरअन्दाज करने से अवस्था गंभीर हो सकती है क्योंकि इलाज के अभाव में वायरस के पनपने की संभावना रहती है। यह हवा और पानी से फैलने वाला संक्रमण है, यह बरसात के मौसम में ज्यादा होता है। ऐसे में थकावट, खाँसी, संक्रामक जुकाम, बदन में दर्द दस्त जैसे लक्षण (viral fever symptoms in Hindi) देखने को मिलते है.
- थकान का होना
- मांसपेशियों में लगातार दर्द का होना
- बदन में दर्द होना
- तेज बुखार होना
- खांसी आना
- शरीर के सभी अंगो के जोड़ो में दर्द होना (viral fever ke lakshan) है।
- लगातार दस्त लगना
- त्वचा के ऊपर रैशज़
- सर्दी लगना
- गले में दर्द होना
- सर दर्द का हमेसा बना रहना
- आंखों में लाली और जलन का अनुभव
- ग्रस्नी में सूजन
- उल्टी होना
- बुखार का चढ़ना उतरना
- तीन दिन से ज्यादा दिन तक बुखार का बने रहने (viral fever ke lakshan) है।
- ज़ुकाम होना या लगातार छींक आना
- अत्याधिक थकान महसूस होना
वायरल फीवर कितने दिन तक रहता है (Duration of Viral Fever in Hindi)
अधिकतर संक्रमण तीन दिन या एक सप्ताह में स्वत: अपने आप ही ठीक हो जाते हैं | इससे अधिक समय तक वायरल बुखार बने रहने पर डॉक्टर आपके खून की जाँच करवा सकते हैं |
वायरल फीवर से बचाव (Prevention for Viral Fever in Hindi)
वायरल फीवर का इलाज ( treatment of viral fever in Hindi ) लक्षणों के आधार पर किया जाता है। वायरल फीवर के संकेत होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से मिले तथा इसके बारे में पूरी तरह से अपने डॉक्टर को बतायें । डॉक्टर की उपलब्धता न होने के कारण आप बुखार के लिए पैरासिटामोल (उम्र के हिसाब से ) का प्रयोग कर सकते तथा ठन्डे पानी में गीले कपड़े से रोगी के शरीर को पोंछें। एंटीबॉयोटिक का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बगैर न करें।
वायरल बुखार उतारने के घरेलू नुस्ख़े (Home remedies for Viral Fever in Hindi)
अदरक (Ginger Home Remedy for Viral Fever in Hindi)
अदरक का सेवन करना चाहिए, अदरक में एंटी आक्सिडेंट मौजूद होते हैं गुण बुखार को ठीक करते हैं तथा हमारे इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं .
काढ़ा पिए: (Treatment of viral fever in Hindi) काढ़े का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता हैं, इसके लिए आप थोड़ी सी अदरक (सौंठ), काली मिर्च का चूर्ण, इलायची, हल्दी का चूर्ण को एक कप पानी और हल्का गुड़ डालकर उबाल ले. तब तक उबालें जब तक यह पानी आधा ना रह जाए, उसके बाद इसे ठंडा करके पिएं. इससे वायरल फीवर में बहुत जल्द आराम मिलता है.
तुलसी (Tulsi Home Remedies for Viral Fever Treatment in Hindi)
Tulsi treatment of viral fever in hindi: तुलसी के पत्तो का सेवन कर सकते हैं, क्योकि तुलसी में अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में वायरस को खत्म करने में सहायक होते हैं. आप तुलसी के कुछ पत्ते गर्म पानी के साथ खा सकते हैं. इसके अलावा काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं, इसके लिए एक लौंग के चूर्ण और 4-5 तुलसी के ताजे पत्तों को एक एक बड़े गिलास पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए. इसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में पिएं. आपको वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा.
गिलोय वायरल फीवर से दिलाये राहत (Giloy Home Remedy for Viral Fever in Hindi)
गिलोय सभी प्रकार के बुखार के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं (giloy for viral fever) , इसको पिने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता हैं. गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए 4 कप पानी ले, 1-2 इंच तक गिलोय ले और इसे पानी में उबलने दे जब तक १ कप पाई न बचे फिर इसे पी ले वायरल फीवर में ये बहुत मददगार हैं.
दालचीनी वायरल बुखार में गले का दर्द करता है कम (Cinnamon Home remedy for Viral Fever in Hindi)
वायरल फीवर में दालचीनी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करता है, इससे खाँसी-संक्रामक जुकाम एवं गले में दर्द जैसे लक्ष्णों में आराम मिलता है।
तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और लौंग का पेय (Home remedies for Viral Fever Treatment in Hindi)
तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और लौंग इन सबको मिलकर बनाया गया काढ़ा वायरल फीवर से रिकवर होने में बाउट फायदा पहुँचाता हैं, दिनभर में दो से तीन बार पीने से बहुत फायदा पहुँचता हैं. बनाने के लिए 3-4 कप पानी गुड़, अदरक, 2-3 लौंग और काली मिर्च, 8-10 तुलसी के पत्ते, 2 इलायची, एक छोटा टुकड़ा दाल चीनी और एक चुटकी हल्दी मिलकर इन सबको को मध्यम फ्लेम पर उबलने दें जब तक पानी 1/3 न रह जाएँ, उसके बाद छान कर पी ले, ये काढ़ा घर के सभी लोग पी सकते हैं इससे इम्युनिटी बूस्ट होती हैं साथ ही जिन लोगो को सर्दी खांसी जुकाम की समस्या हैं वो भी ठीक हो जाती हैं.
वायरल फीवर में क्या करे – What to do in Viral Fever in Hindi
- वायरल की हालत में आपको खूब पानी पीना चाहिये।
- इसके अलावा जूस और कैफीन रहित चाय का सेवन करें।
- ज्यादातर फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाये जाते हैं जिनका सेवन करने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- अगर आपको डायरिया या उल्टी की शिकायत है तो इलेक्ट्रॉल का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा।
- इसके अलावा, नींबू, लैमनग्रास, पुदीना, साग, शहद आदि भी आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
- हमेसा खाने खाने से पहले हाथ को साबुन से अच्छी तरह से धोना चाहिए
- किसी ब्यक्ति से हाथ मिलाने के तुरंत बाद हाथ को साबुन से धोये।
- रोगी को घर पर आराम करना चाहिए
- फ़िल्टर वाला पानी का सेवन करना चाहिए संभव न होने पर पानी को उबाल कर पीना चाहिए
- रोगी बयक्ति के बिस्तर को डेली बदलना चाहिए जिससे संक्रमण का खतरा काम हो सके
- साफ-सफाई और हाथ धोने का खास ख्याल रखें।
- खाना खाने और बनाने से पहले, खाने के बाद और शौच के बाद साबुन से हाथ धोएं
- खांसते और छींकते समय रूमाल से मुंह और नाक को ढकें।
- हो सके तो हल्के गुनगुने पानी से नहाना चाहिए
वायरल फीवर में क्या ना करें – What not to do in Viral Fever in Hindi
- लू में निकलने से बचे
- अन्य किसी ब्यक्ति वके संपर्क में आने से बचे, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सके ।
- जंक फ़ूड खाने से बचना चाहिए ।
- ठंडी चीजे जैसे आइस क्रीम कोल्ड ड्रिंक, तथा धूम्रपान, शराब के सेवन से बचे ।
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वायरल फीवर में क्या खायें – What to Eat in Viral Fever in Hindi
वायरल फीवर के दौरान खाने पीने खास ख्याल रखना चाहिए क्योकि जितनी अच्छा खानपान होगा उतनी ही जल्दी ठीक होने की संभावना होती हैं क्योकि वायरल फीवर में शरीर कमजोर हो जाता हैं, वायरल फीवर के दौरान पीड़ित व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी होती हैं पानी का पिने का खास ध्यान रखना पड़ता हैं चलिए जानते हैं की वायरल फीवर के दौरान हमे क्या क्या खाना चिहिए (what to eat in viral fever in hindi) जिससे हम इससे जल्दी से ठीक हो सकें।
- पीड़ित व्यक्ति को 3-4 लीटर पानी पुरे दिन भर में पीना चाहिए , इसके अलावा तरल पदार्थ जैसे की नारियल पानी , जूस, मौसमी फल का जूस , हो सके तो संतरे का जूस पीना चाहिए क्योकि संतरे में भरपूर मात्रा में विटामिन C (Vitamin C) पायी जाती हैं विटामिन C एंटीऑक्सीडेंट रिच सोर्स होती हैं।
- विटामिन C (Vitamin C) युक्त फ्रूट्स खाये जैसे नींबू, संतरा और आंवला क्योकि ये रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाते हैं.
- संतरे का जूस पिए।
- नारियल पानी पीना चाहिए , क्योकि इसमें सभी विटामिन्स, मिनरल अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
- लहसुन का सेवन करना चाहिए।
- हरी पत्ते दार सब्जिया का सेवन करना चाहिए , क्योकि इनमे पानी की मात्रा होती हैं।
- सूप पीना चाहिए (टमाटर सूप , मिक्स्ड वेजिटेबल आदि )।
- ड्राई फ्रूट्स खाना चाहिए जैसे बादाम , काजू , किसमिस , अंजीर , अखरोट आदि।
- दोपहर के समय दही का सेवन करना चाहिए।
वायरल फीवर में क्या ना खाये – What to not Eat in Viral Fever in Hindi
- तला भुना खाने से बचे।
- बाहर की चीजे खाने से बचे जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर , चौमिन आदि।
- ठंडी चीजे को खाने से बचे जैसे कोल्ड ड्रिंक्स , सोडा आदि।
- धूम्रपान से बचे (बीड़ी , सिगरेट , अल्कोहल से बचना चाहिए ) ।
- प्रोसेस्ड फ़ूड खाने से बचे।
अपने आप से इलाज करने से बचे तथा अपने डॉक्टर से इसके बारे जरूरी जानकारी लें तथा पूरा इलाज करे जब तक डॉक्टर बंद करने की सलाह न दे.